मेरी प्यारी माँ | Meri Pyari Maa
मेरी प्यारी माँ ( Meri Pyari Maa ) रोज़ ही धीमे कदमों से मेरे ख़्वाबों में आती है, हौले-हौले सुरो में “लोरी” वह मुझे सुनाती है, दुनिया के झमेलों से निकल “आँखें “बंद करूँ, माँ का तसव्वुर बेसुकूनी को सुकून दे जाती है, ज़िन्दगी की धूप के थपेड़े ‘रूह’ को जलाती है, तब माँ के … Continue reading मेरी प्यारी माँ | Meri Pyari Maa
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