मोची | Mochi

मोची ( Mochi )    पैरों से चलने में मजबूर, फिर भी प्रकृति में, मुस्कान भरी छाता बिखेरता , वह तल्लीन था अपने कार्य में, लगता था ऐसे कि वह , प्रभु के गांठ रहा हो जूते, उसका कार्य करने का ढंग, बड़ा ही प्रीत पूर्ण था, वह नहीं देखता कि , कौन छोटा कौन … Continue reading मोची | Mochi