मुहब्बत तू निभाए रख | Muhabbat tu Nibhaye Rakh
मुहब्बत तू निभाए रख ( Muhabbat tu nibhaye rakh ) गुलों से घर सजाए रख ? वफ़ा अपनी बनाए रख अंधेरों से लगे है डर चिरागो को जलाए रख ज़रा दीदार करने दे नहीं चेहरे छुपाए रख उदासी छोड़ दिल से तू लबों को तू हंसाए रख बढ़ेगा प्यार दिल में और नज़र मुझसे … Continue reading मुहब्बत तू निभाए रख | Muhabbat tu Nibhaye Rakh
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