कृष्ण कन्हैया | Muktak krishna kanhaiya
कृष्ण कन्हैया ( Krishna kanhaiya ) मदन मुरारी मोहन प्यारे, हे जग के करतार। मोर मुकुट बंसीवाला, तू गीता का है सार। चक्र सुदर्शन धारी माधव, मीरा के घनश्याम। विपद हरो हे केशव आकर, कर दो बेड़ा पार। नटवर नागर नंद बिहारी, अधर मुरलिया सोहे। रुनक झुनक बाजे पैजनिया, वैजयंती मन मोहे। यशोदा … Continue reading कृष्ण कन्हैया | Muktak krishna kanhaiya
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