मर्यादा ( Maryada ) सत्य शील सद्भावो के जग में फूल खिलाना है प्यार के मोती अनमोल खुशियों का खजाना है मर्यादा पालक रामचंद्र जी महापुरुष कहलाए पावन वो परिपाटी हमें जन्म-जन्म निभाना है हर्ष खुशी आनंद बरसे प्रेम की बहती हो धारा जहां मर्यादा जिंदा है सुख सागर उमड़े सारा अनीति अनाचार … Continue reading मर्यादा | Muktak maryada
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