मुश्किल है | Mushkil Hai

मुश्किल है ( Mushkil hai )    मुश्किल है समझना किसी को मीठी बोली की मुस्कान मे भी उलझनें हैं जलेबी की तरह सीधी तनी हुई रस्सियां भी गुजरी हैं कई घुमावदार रास्तों से कई गांठें पेवस्त हैं हृदय में सहज कोई नही सरल कोई नही चेहरे पर चेहरे की परतें हैं जमी हुई शराफत … Continue reading मुश्किल है | Mushkil Hai