मुस्कान | Muskaan

मुस्कान ( Muskaan )    ढा गई गजब मुस्कान तेरे होंठों की देखते ही रह गए झील सी आंखों मे गालों पर उतर आई केसों को लड़ी फेर गई मुस्कान हौले से मुझमें भी… जाने किस घड़ी मे रचा मालिक ने तुझे तुझ सी कोई और नजर आई ही नही समाई तू मुझमें या खुद … Continue reading मुस्कान | Muskaan