Ghazal Mushkil tha Daur | मुश्किल था दौर और सहारे भी चंद थे

मुश्किल था दौर और सहारे भी चंद थे ( Mushkil Tha Daur Aur Sahare Bhi Chand The )   मुश्किल था दौर और सहारे भी चंद थे मैं फिर भी जीता क्यूं कि इरादे बुलंद थे   राहें  निकाली मैंने वहां से कई नयीं देखा जहां पहुंच के सब रस्ते बंद थे   समझा तमाम … Continue reading Ghazal Mushkil tha Daur | मुश्किल था दौर और सहारे भी चंद थे