नहीं कोई शहर में आशना यहां मेरा | Ghazal

नहीं कोई  शहर में आशना यहां  मेरा ( Nahin koi shahar mein aashna yahan mera )     नहीं कोई  शहर में आशना यहां  मेरा ! हाले दिल ये कौन जो पूछता यहां मेरा   कि सोचता हूँ नगर छोड़ दूँ इसलिए मैं नहीं कोई तन्हाई के सिवा यहां मेरा   उदास पन इसलिए  भर … Continue reading नहीं कोई शहर में आशना यहां मेरा | Ghazal