नहीं कोई शहर में आशना यहां मेरा | Ghazal
नहीं कोई शहर में आशना यहां मेरा ( Nahin koi shahar mein aashna yahan mera ) नहीं कोई शहर में आशना यहां मेरा ! हाले दिल ये कौन जो पूछता यहां मेरा कि सोचता हूँ नगर छोड़ दूँ इसलिए मैं नहीं कोई तन्हाई के सिवा यहां मेरा उदास पन इसलिए भर … Continue reading नहीं कोई शहर में आशना यहां मेरा | Ghazal
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed