नरक का द्वार | Narak ka dwar | Kavita
नरक का द्वार ( Narak ka dwar ) नैन दिखा मां बाप को, खोले नरक के द्वार। अभिशापों की जिंदगी, मत जीओ संसार। कच्ची कलियां नोंचतें, करते जो पापाचार। नरक द्वार खोलते, पापी वो नरनार। स्वांग रचा छद्म करे, करते जो लूटमार। दीन दुखी की हाय ले, जाते नरक के द्वार। … Continue reading नरक का द्वार | Narak ka dwar | Kavita
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