क्षितिज पार नया उजाला | Naya Ujala Poem in Hindi
क्षितिज पार नया उजाला ( Kshitij par naya ujala ) हौसला भर चलो यारों, पड़े मुश्किलों से पाला है। खिड़की खोल देखो, क्षितिज पार नया उजाला है। क्षितिज पार नया उजाला है रोशन जिंदगी कर लो, प्रेम की सरिता बहती है। सारे तीर्थों की गंगा, मां के श्रीचरणों में रहती है। भर लो झोली … Continue reading क्षितिज पार नया उजाला | Naya Ujala Poem in Hindi
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