नयन ( Nayan ) नयनाभिराम नयना, ना नींद है ना चैना। बेकल नयन अधीर है, काटे न कटे रैना। मन साँवरे में लीन है,उनसे नही ये कहना। आयेगे तो पूछूँगी मै, बितायी कहाँ रैना। जहाँ प्रेम है विरह भी है,राधा जहाँ है कृष्णा। फिर क्यों तडप रहा है मन,सन्तुष्ट नही तृष्णा। … Continue reading Hindi Poetry | नयन
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