नज़र ** नज़र लगी है उसको किसकी? मिटी भूख प्यास है उसकी। हरदम रहती सिसकी सिसकी, नज़र से उसके लहू टपकती। ना कभी हंसती, ना कभी गाती, विरह की अग्नि उसे जलाती। ना कुछ किसी से कहती, चेहरे पे छाई उदासी रहती। बातें करती कभी बड़ी-बड़ी, चांद तारों की लगाती झड़ी। ओ बावरी! कौन है … Continue reading नज़र
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