मिलन ऐसा भी ( Milan Aisa Bhi ) विरह कीअग्नि में जलती इक प्रेयसी जैसे धरती यह भी निहारे है राह प्रियतम अपने की…. सांवरा सा सलोना सा गहराता सा मचलता सा शायद आ रहा होगा किसी इक कोने से नभ के इस ओर या उस छोर से….. टकटकी लगाये बैठी कब … Continue reading Nazm | मिलन ऐसा भी
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