Nazm | मिलन ऐसा भी

मिलन ऐसा भी ( Milan Aisa Bhi )   विरह कीअग्नि में जलती इक प्रेयसी जैसे धरती यह भी निहारे है राह प्रियतम अपने की….   सांवरा सा सलोना सा गहराता सा मचलता सा शायद आ रहा होगा किसी इक कोने से नभ के इस ओर या उस छोर से…..   टकटकी लगाये बैठी कब … Continue reading Nazm | मिलन ऐसा भी