सपनों की गहराई | New kavita

सपनों की गहराई ( Sapno ki gahrai )   कितने  हंसी  ख्वाब, कितने  हंसी  स्वप्न मेरे। सपनों की गहराई, थाह नापने लगे नयन मेरे। मधुर मधुर मीठे मीठे, भावन से प्यारे प्यारे। मन को लुभाते स्वप्न, दिल को सुहाते सारे। कल्पनाओं की उड़ान, सपनों का सुंदर संसार। सारे जहां से प्यारा लगे, खुशियों का हमें … Continue reading सपनों की गहराई | New kavita