यह पांव की पाजेब | Pajeb par kavita
यह पांव की पाजेब ( Yeh paon ki pajeb ) ख़ूबसूरती बढ़ा देती है यह पांव की पाजेब, ध्यान सब का हटा देती जब बजती पाजेब। यह भी मुख्य श्रृंगार है विश्व में हर नारी का, खरीददारी में खाली हो जाती मर्द की ज़ेब।। नयी-नवेंली दुल्हन इससें शरमाती इठलाती, दूर दूर तक … Continue reading यह पांव की पाजेब | Pajeb par kavita
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