परिवार अपना | Parivaar Apna

परिवार अपना ( Parivaar Apna ) जहाँ से निराला है परिवार अपनाइसी पे लुटाता रहूँ प्यार अपना कदम बेटियों के पड़े घर हमारेमहकने लगा है ये संसार अपना ये बेटे बहू कब हुए है किसी केजो इनपे जताऊँ मैं अधिकार अपना मजे से कटी ज़िन्दगी भी हमारीचला संग मेरे जो दिलदार अपना करूँ मैं दुआएं … Continue reading परिवार अपना | Parivaar Apna