फूलों सा मुस्काता चल | Hindi Poetry
फूलों सा मुस्काता चल ( Phoolon sa muskata chal ) फूलों सा मुस्काता चल, राही गीत गाता चल। मंजिल मिलेगी खुद, कदम बढ़ाना है। आंधी तूफान आए, बाधाएं मुश्किलें आए। लक्ष्य साध पथ पर, बढ़ते ही जाना है। नेह मोती बांट चलो, हंस हंस खूब मिलो। अपनापन रिश्तो में, हमको फैलाना है। … Continue reading फूलों सा मुस्काता चल | Hindi Poetry
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