पिकनिक | वनभोज

पिकनिक  ( Picnic ) जाता नहीं कोई रोज, मनाने को वनभोज, करते मुझे क्यों हो तंग, चलो पिकनिक हर रोज, बच्चों जरा पढ-लिख लो, खुल गई है स्कूल, फिर छुट्टी के दिन चलेंगे, करेंगे छुट्टी वसूल, बड़े-बूढ़े और बच्चे खुश, हो जाते हैं पिकनिक से, सारी चिंताएं वो भूल, वहीं हो जाते हैं मसगूल, जाते … Continue reading पिकनिक | वनभोज