अनजान राहें | Poem anjaan raahen

अनजान राहें ( Anjaan raahen )   वीरान सी अनजान राहें दुर्गम पथ बियाबान राहें। मंजिलों तक ले जाती हर मुश्किल सुनसान राहें।   उबड़ खाबड़ पथरीली गर्म मरुस्थल रेतीली। पर्वतों की डगर सुहानी हिम खंडों में बर्फीली।   घने वनों से होकर गुजरे लंबी चौड़ी सुगम राही। गांवों शहरों को जोड़ें कच्ची पक्की दुर्गम … Continue reading अनजान राहें | Poem anjaan raahen