अन्तर्द्वन्द्व | Antardwand Kavita

अन्तर्द्वन्द्व ( Antardwand )   मन जब अन्तर्द्वन्द से घिर जाये, तब हार न जायें जीवन में। हार न जायें जीवन में। कोयल सी वाणी जब कौए की भाँति कानों को चुभ जाये, हृदय की विदीर्णता पर जब कोई लेप न लगाये। टूटती आस जब बचाने को कोई हाथ पंख ना बन पाये, सफलता की … Continue reading अन्तर्द्वन्द्व | Antardwand Kavita