गुडियाँ तुम्हारी | पितृ दिवस पर आधारित डॉ. ऋतु शर्मा की कविता

गुडियाँ तुम्हारी बाबा मैं पली भले ही माँ की कोख में पर बढ़ी हर पल आपकी सोच में आप ही मेरा पहला प्यार आप ही मेरे पहले सुपर हीरो आपकी ही अंगुली पकड़ कर पहला कदम इस धरा पर रखा आपके ही भरोसे खुद पर भरोसा रखा थकी जो कभी चलते चलते आपने ही अपने … Continue reading गुडियाँ तुम्हारी | पितृ दिवस पर आधारित डॉ. ऋतु शर्मा की कविता