देखिये जो जड़ों से | Poem dekhiye jo jadon se
देखिये जो जड़ों से ( Dekhiye jo jadon se ) पेड़ बस वो ही सारे, सूखे हैं। देखिये जो जड़ों से, रुखे हैं।। कितना मायूस हो के लौटे हैं, जो परिंदे शहर से, छूटे हैं।। उनको मालूम है हवा का असर, जिनके पर रास्तों में, टूटे हैं।। मत लगा मुझ पर … Continue reading देखिये जो जड़ों से | Poem dekhiye jo jadon se
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