फागुन का रंग | Poem Fagun ka Rang

“फागुन का रंग” ( Fagun ka Rang )    वर्षा बीती शरद गया, आई बसंत बहार। रंगीला मौसम हुआ ,फागुन का त्योहार।। बूढ़ जवान हरे हुए ,बाल हृदय उमंग । तन मन सब मदमस्त हुआ, चढ़ा फाग का रंग।। मस्तानों की टोली सजी, करे खूब हुड़दंग। नाचे गाए मस्ती में, खूब चढ़ी है भंग।। हाथ … Continue reading फागुन का रंग | Poem Fagun ka Rang