होली के दिन | Poem Holi Ke Din
होली के दिन ( Holi ke din ) छोड़िए शिकवे गिले खटपट सभी होली के दिन। अच्छी लगती है नहीं ये बेरुखी होली के दिन।। वो हमारे पास आकर कान में ये कह गये, आदमी को मानिए न आदमी होली के दिन।। चार दिन की जिन्दगी ही पाई है हमने, सभी, इश्क के रंग … Continue reading होली के दिन | Poem Holi Ke Din
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