आशिकी | Poem in Hindi on Aashiqui

आशिकी !   आजकल मुझको फिर से सताने लगे, रात को मेरे सपनों में आने लगे। मेरी चढ़ती जवानी का है ये असर, अपने घर का ही रस्ता भुलाने लगे। आजकल मुझको फिर से सताने लगे, रात को मेरे सपनों में आने लगे। रफ़्ता-रफ़्ता ये जीवन भी कट जाएगा, टूटे मौसम भी फिर से सुहाने … Continue reading आशिकी | Poem in Hindi on Aashiqui