मर्यादा की हानि | Poem maryada ki hani

मर्यादा की हानि ( Maryada ki hani )   मर्यादा में बाधा पड़ी जब आधा राम ने बाली को चोरी से मारा। सुनो रघुनाथ अनाथ क्यूं अंगद पूछत बाली क्या पाप हमारा।।   कौन सी भूल भई सिय से केहीं कारण नाथ ने कानन छोड़ा। जाई समाई गई वसुधा में श्रीराम से नेह का नाता … Continue reading मर्यादा की हानि | Poem maryada ki hani