मौन बोलता है | Poem maun bolata hai
मौन बोलता है ( Maun bolata hai ) कभी-कभी एक चुप्पी भी बवाल खड़ा कर देती है। छोटी सी होती बात मगर मामला बड़ा कर देती है। मौन कहीं कोई लेखनी अनकहे शब्द कह जाती है । जो गिरि गिराए ना गिरते प्राचीर दीवारें ढह जाती है। मौन अचूक अस्त्र मानो धनुष … Continue reading मौन बोलता है | Poem maun bolata hai
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