अकड़ अमीरी का | Poem on akad ameeri ka

अकड़ अमीरी का ( Akad ameeri ka )     दिखाता है अकड़ वो ख़ूब ही मुझको अमीरी की! वही उडाता मजाक मेरी बहुत यारों ग़रीबी की   मगर फ़िर भी नहीं तक़दीर बदली बदनसीबी से इबादत की बहुत ही  रोज़ मैंनें तो इलाही की   ख़ुशी के पल नहीं है जिंदगी में ही  भरे … Continue reading अकड़ अमीरी का | Poem on akad ameeri ka