बांहों में | Poem on bahon mein

बांहों में ( Bahon mein )   धरा गगन से कह रही लो आ गया मधुमास प्रियतम ले लो बाहों में मदमाता बसंत खास   लिपट लता सी प्रीत भरे कुदरत करती श्रंगार आलिंगन आतुर सरिताये चली सिंधु के द्वार   दीपक बाती का मिलन जग रोशन हो सारा प्रेम की रसधार बहती ऐसा हो … Continue reading बांहों में | Poem on bahon mein