शिक्षा | Poem shiksha

शिक्षा ( Shiksha )   जगत में शिक्षा है आधार। शिक्षा बिना धुंध सा जीवन शिक्षा मुक्ती द्वार।। जगत में० ।। अनपढ़ मूढ़ निरक्षर क्या -क्या शव्द बुलाते जाते, इन लोगों से भेड़ बकरियां पशु चरवाये जाते, पढ़ें -लिखे मुट्ठी भर लोग तब करते अत्याचार।। जगतमें० ।। शिक्षा बिना न मिले नौकरी दर-दर ठोकर खाये, … Continue reading शिक्षा | Poem shiksha