वक्त | Poem waqt

वक्त ( Waqt )   वक्त से ना बड़ा कोई पहले हुआ, वक्त से ना बड़ा कोई हो पायेगा। वक्त से कोई पहले हँस ना सका, वक्त से कोई पहले ना रो पायेगा।।   ना किसी के लिए रुका है कभी ना किसी के लिए झुका है कभी उसके अंतस में क्या है समझ न … Continue reading वक्त | Poem waqt