वो लाज रखे सबकी | Poem wo laaj rakhe sabki

वो लाज रखे सबकी ( Wo laaj rakhe sabki )   जो सबका रखवाला है दुनिया का करतार। वो लाज रखे सबकी जग का सृजन हार।   जिसके हाथों में डोर है वो नीली छतरी वाला। चक्र सुदर्शन धारी माधव मोहन मुरली वाला।   सबको जीवनदान देते जग के पालन हारे। दीनबंधु भक्त वत्सल दीनों … Continue reading वो लाज रखे सबकी | Poem wo laaj rakhe sabki