मैं हूं प्रयागराज ( Main Hoon Prayagraj ) इतिहास के पृष्ठों पर स्तंभ-अभिलेखों पर पथराई नजरों से ठंडे हाथों से नदी-नालों का खेत-खलिहानों का शहर-नगरी में तपती दुपहरी में संगम के तट पर कण-कण छानते हुए देख अतीत के अपने रूप-नक्शे दिखा इलाहाबाद उदास! उदास! उदास बोला उदास मन से रखना मेरे अतीत को … Continue reading मैं हूं प्रयागराज | Prayagraj
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