प्रेम की कश्ती | Prem ki Kashti

प्रेम की कश्ती ( Prem ki Kashti )    प्रेम की कश्ती हो और बाहों का सहारा हो, सफ़र इश्क़-ऐ-समन्दर का, दूर किनारा हो ! मुहब्बत की पनाहों में गुज़रते हो हसीं पल ज़िन्दगी का कैसा खूबसूरत वो नज़ारा हो ! कितने ज़्यादा खुशनसीब होते है वो लोग जिन्हें मिला हर कदम प्यार में सहारा … Continue reading प्रेम की कश्ती | Prem ki Kashti