प्यार की हो बहार | Ghazal pyar ki ho bahar

प्यार की हो बहार ( Pyar ki ho bahar )   प्यार की हो बहार आज़म पे रोज़ हो बेशुमार आज़म पे   दर्द ग़म भूल जाये जीवन के बरसे इतना बस प्यार आज़म पे   दर्द ग़म झेलता रहा हूं मैं खुशियां बरसे अब यार आज़म पे   रब मिला दें मुझे उसी से … Continue reading प्यार की हो बहार | Ghazal pyar ki ho bahar