प्यार की कब बहार देखी है | Ghazal
प्यार की कब बहार देखी है ( Pyar ki kab bahar dekhi hai ) प्यार की कब बहार देखी है ! नफ़रतों की दयार देखी है आ रही है यहां ग़म की बारिश कब ख़ुशी की फुवार देखी है जो आँखें थी भरी नज़ाकत से प्यार में बेक़रार देखी है थी … Continue reading प्यार की कब बहार देखी है | Ghazal
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