प्यार ( Pyar ) बड़ा-छोटा काला-गोरा मोटा-पतला अमीर-गरीब हर किसी को हो सकता है-किसी से प्यार , यह ना माने सरहदें, ना देखे दरो-दीवार, हसीं-बदसूरत,बुढ़ा-जवान,तंदरूस्त-बीमार, यहाँ सबके लिए खुले हैं – प्यार के किवार । मैं नहीं तुम नहीं आप नहीं हम नहीं एक है बंदा-संग लिए बैठा रिश्ते हज़ार, सिर्फ़ दिल की सुनो जब … Continue reading Kavita | प्यार
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