क़यामत कम नहीं होती | Qayamat Kam Nahi Hoti

क़यामत कम नहीं होती ( Qayamat Kam Nahi Hoti ) निकलते जब वो सज-धज के तो आफ़त कम नहीं होतीजिगर पर तीर चलते हैं क़यामत कम नहीं होती मुहब्बत बाँटिए जग में ये बरकत कम नहीं होतीमिले ख़ुशियाँ ज़माने को मसर्रत कम नहीं होती कहाँ आता किसी को अब सलीक़े से यहाँ चलनाचले हम ग़र … Continue reading क़यामत कम नहीं होती | Qayamat Kam Nahi Hoti