रब की अदालत

रब की अदालत   1. वो मजलूमों को बेघर कर बनाया था अलीशां मकां यहां, गरीब,लचारों की बद्दुवा कबूल हो गई रब की अदालत में वहां अब बरस रहा बद्दुवाओं का कहर देखो , जमींदोज हो रहा अलीशां मकां यहां। 2.     हुआ घमंड जब-जब वो गिराते रहे बार-बार, हुआ तालीम, परोपकार जब-जब उन्हीं दुवाओं … Continue reading रब की अदालत