एक अनजाना फरिश्ता | Rajendra kumar pandey poetry
एक अनजाना फरिश्ता ( Ek anjan farishta ) जिंदगी के किसी मोड़ में जब खुद को तराशने जी जरूरत हुई अनजाने राहों में अचानक ही एक अजनबी से मुलाकात हुई वो अपनापन का पहला एहसास आज फिर महसूस हुई और वो अजनबी अपना जाना पहचाना जरूरत बन गई कभी … एक अनजाना फरिश्ता | Rajendra kumar pandey poetry को पढ़ना जारी रखें
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