‘रजनी’ के १९ राम-भक्तिमय दोहे

‘रजनी’ के १९ राम-भक्तिमय दोहे १ पावन तेरा धाम है, पुरुषोत्तम है नाम।हो जग के आदर्श तुम, हृदय विराजो राम।। २ तुम सम जग में कौन है,दुखभंजन हे राम।जगवंदित स्वीकार लो,मम करबद्ध प्रणाम।। ३ दुखहर्ता हे राम तुम,करना भव से पार।सरयू का तट जब मिले,तब होगा उद्धार।। ४ सुखद राम का नाम है,रहूँ शरण श्रीराम।दया … Continue reading ‘रजनी’ के १९ राम-भक्तिमय दोहे