रश्मिरथी | Rashmirathi

रश्मिरथी ( Rashmirathi )    देख सखी दिनकर नहीं आए आहट सुन रश्मि रथियों ने खोली द्वारा निशाचर डींग हांक रहे थे जो वह दुम दबाकर गये भाग कल की रात्रि अति काली जो अब ना दे दिखाई सोच सखी उनके आने पर क्या क्या देगा दिखाई तेज स्वरूप- सिंहासन संपूर्ण क्षितिज सुनहरी छाई निशाचर … Continue reading रश्मिरथी | Rashmirathi