रिमझिम बूंदों की बहार | Rimjhim Boondon ki Bahar

रिमझिम बूंदों की बहार ( Rimjhim boondon ki bahar ) रिमझिम बूँदों की बहार आई, हरियाली चहुॅओर देखो छाई। श्रृंगार करने को आतुर धरित्री, रीति नवल अभ्यास देखो लाई। मिट्टी से सोंधी महक उठ रही, मलय सौरभ से मस्त हो रही। न भास्कर न रजनी आते गगन में, बस सावन की रिमझिम बरस रही। तन … Continue reading रिमझिम बूंदों की बहार | Rimjhim Boondon ki Bahar