रिश्तों के धागे सब तोड़ते वो रहे | Shayari On Relations
रिश्तों के धागे सब तोड़ते वो रहे ( Rishton ke dhage sab torte wo rahe ) रिश्तों के धागे सब तोड़ते वो रहे और हम प्यार से जोड़ते वो रहे रह गये है हम आवाज देते यूं ही और मुंह हमसे तो मोड़ते वो रहे प्यार के भेजते ही रहे फ़ूल हम … Continue reading रिश्तों के धागे सब तोड़ते वो रहे | Shayari On Relations
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