रूह़-ए-नज़र ( Rooh-e-Nazar ) नक़्शा वो आज तक मेरी रूह़-ए-नज़र में है।जलवा वो आज तक मेरी रूह़-ए-नज़र में है। छुपते थे जिसको साय में शर्मा के वो सदा।परदा वो आज तक मेरी रूह़-ए-नज़र में है। हंसते हुए दिया था जो उसने गुलाबे इ़श्क़।तोह़फ़ा वो आज तक मेरी रूह़-ए-नज़र में है। लिक्खा था ख़ूने दिल से … Continue reading रूह़-ए-नज़र | Rooh-e-Nazar
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