सफाई आज तक ये बात मेरी समझ में न आई। तुम करो गन्दगी और मैं करूं सफाई।। मानवता खातिर काल ब्याल है यह, तृणवत न लेना बहुत विकराल है यह, अगर नहीं सम्भले पछताओगे भाई।।तुम करो० गांव गली कस्बा संसद तक फैली, स्वच्छ रखो चादर न होजाये मैली, तन और मन की अब रखो … Continue reading सफाई
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