साहिल- तेरे लिए | Hindi Ghazal
साहिल- तेरे लिए ( Sahil- tere liye ) मन के अरमान मेरे बहकने लगे, तुम चले आओ अब मेरे आगोश में। बिन तुम्हारे है सूनी, प्रणय वाटिका, रिक्तता सी है मेरे प्रणय कोश में।। तुम मिले मुझको जब, मैं दिवानी हुई, जो मेरे पास था छोड़ कर आ गई। प्रीत बाबुल … Continue reading साहिल- तेरे लिए | Hindi Ghazal
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