समझा रहा समझदारी से ( Samjha rahe samajhdari se ) समझा रहा समझदारी से, साकी यह मयखाने में ! गांधीजी का ध्यान रखो सब,पीने और पिलाने में !!१ सही और असली ‘गांधी’ हो, तब पा सकते हर सुविधा कड़ी सजाऍं होंगी नकली- गांधी के मिल जाने में !!२ सुनकर स्वर विरोध के … Continue reading समझा रहा समझदारी से | Ghazal
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